GHAR KA VAIDYA (Home Remedies)
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Aug 11, 2024
करेला - उपयोग, फायदे और नुकसान (Bitter Gourd - Uses, Advantages and Disadvantages)
Nov 6, 2023
kidney stone, cause, Symptom & Treatment
किडनी यानि गुर्दे का स्टोन (Kidney Stones) - ये किडनी में बनने वाले छोटे पथरी (क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ) होते हैं जो किडनी के अंदर या मूत्रनाली में कही भी बन सकते हैं। ये पथरियाँ मूत्र मार्ग में जम जाने के कारण या मूत्रमार्ग में फंस जाने के कारण मूत्र स्राव को अवरोधित कर सकता हैं या मूत्र रोक सकता हैं या फिर मूत्र मार्ग में अच्छे से नहीं बह सकते हैं. किडनी स्टोन आमतौर पर कैल्शियम, यूरिक एसिड, सिस्टीन, या ओक्सलेट्स जैसे खनिजों की अधिकता के कारण बन सकते हैं। यूरीन में मौजूद यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम, ऑक्जालिक एसिड मिलकर पथरी बना देते है। इससे दर्द, सूजन, मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन, ब्लडी मूत्र, या दूसरी समस्याएँ हो सकती हैं। अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा का हो तो यह मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है।
2. यूरिक एसिड स्टोन
3. स्ट्रूविटा स्टोन
4. सिस्टिन स्टोन
6. व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।
7. एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबालें ठंडा होने के बाद सुबह-शाम पीएँ। यह पथरी को गलाने का काम करती है
12. कॉर्न हेयर या कॉर्न सिल्क (मकई) के सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।
13. प्याज को एक गिलास पानी में डालकर धीमी आँच में उबालें पकने पर उसे ठण्डा कर लें अब प्याज को पीस लें और छानकर रस निकालकर 1-2 दिन तक पीएँ।
Nov 1, 2023
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Oct 1, 2023
दिमाग चलने नहीं दौड़ने लगता है बस ये कुछ घरेलू-नुस्खे अपनाकर
भूलने की आदत एक समस्या है, जिससे स्वयं को तो परेशानी होती ही है, बल्कि उससे जुड़े दूसरे लोग भी कई बार परेशानी में पड़ जाते हैं। कमजोर याददाश्त को बुढ़ापे की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार भूलने की समस्या केवल बूढ़े लोगों के साथ ही नहीं, बल्कि जवान लोगों के साथ भी होती है। भूलने की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में पाई जाती है।
भूलने का मुख्य कारण समान्यता एकाग्रता की कमी होती है। अधिकतर समस्या दिमाग को रीकॉल करने में होती है, क्योंकि हमारे दिमाग को रीकॉल प्रोसेस के लिए जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उनकी शरीर में कमी हो जाती है। इसलिए उन पोषक तत्वों की पूर्ति करने के लिए आगे बताए गए घरेलू-नुस्खे अपनाकर भूलने की आदत से छुटकारा पा सकता है।
1. रात को पानी में लगभग 9 -10 नग बादाम भिगो दें। सुबह छिलके उतारकर उसको बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास गर्म दूध में उस बादाम का पेस्ट घोल लें। इसमें लगभग 3 चम्मच शहद डालें।बादाम मिला दूध जब हल्का गर्म हो तब पिएं। इसे पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न खाएं।
2. देखा गया हैकि सुबह कॉफी पीने वाले , काफी न पीने वालों की तुलना में अधिक फुर्ती से अपने कार्य निपटा लेते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, कैफीन मस्तिष्क के उन हिस्सों को क्रियाशील करता है, जहां से व्यक्ति की सक्रियता, मूड और ध्यान नियंत्रित होता है। इससे यादास्त को सुधारने मे सहायता मिलता है। इसी लिए यदि आप सुबह और दोपहर में भी तो कॉफी लें इससे यादास्त सुधारने में सहायता मिलेगा।
3. ब्रह्मी दिमागी ताकत बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। आप इसके 7 - 8 पत्ते चबाकर खाने से भी याददाश्त बढ़ती है। आप चाहे तो इसका एक चम्मच रस भी रोज पी सकते है ।=
4. अखरोट स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है। 20 ग्राम अखरोट और 10 ग्राम किशमिश मिलाकर खाने से याददाश्त बढ़ती है। अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं और आप इसे ऐसे भी दिन में 5 – 6 खा सकते हैं। अखरोट खाने से कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है।
5. सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन विशेष फाइबर होता है। यह इम्यून सपोर्टिव प्रोटीन्स के स्तर को बूस्ट करता है। रोज सेब का सेवन करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है साथ ही दिनभर में एक सेब खाना कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
6. दालचीनी का तेल भी स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावकारी होता है। यह तेल कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है, जिसकी वजह से आपका मस्तिष्क तेजी से काम करता है। यह तेल दिमाग को ठंडक पहुंचाता है और तनाव को कम करते हुए दिमाग को तेज-तर्रार बनाता है।
7. हरी चाय एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह मस्तिष्क के लिए लाभदायक होती है। इसमें ऐसे रासायनिक तत्व पाए हैं, जो मस्तिष्क की कोशिका के उत्पादन, स्मृति में सुधार के साथ-साथ सीखने की क्षमता में भी सुधार करते हैं।
8. अलसी का तेल एकाग्रता बढ़ाता है, स्मरण शक्ति तेज करता है और सोचने-समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है, क्योकि अलसी के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं।
9. स्मरण शक्ति बढ़ाने में रोजमेरी (गुलमेंहदी) का तेल बहुत काम आता है । इसमें खुशबू के साथ औषधीय गुण होते हैं। इसके खुशबू के कारण इसे सुगंध चिकित्सा में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तीखी खुशबू मस्तिष्क को उत्प्रेरित करती है, जिसकी वजह से दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है। इस वजह से इसे ब्रेन टॉनिक भी कहा जाता है।
May 24, 2022
कढ़ी पत्ते के उपयोग, फायदे, और नुकसान
कड़ी पत्ता जिसको मीठा नीम के नाम से भी जानते है क्यूंकि इसकी पत्तियां नीम की तरह की होती है परन्तु स्वाद कड़वा नहीं होता है और इसको इसीलिए कड़ी पत्ता कहा जाता है क्यूंकि इसको कढी में डालने पर कढी स्वादिष्ट हो जाता है।
अक्सर
हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है, .
इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता है।
कढ़ी पत्ते
को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी
से खा लेते है।