डेंगू, 'मादा एडीज एजिप्टी' मच्छर के काटने से फैलता है । ये मच्छर साफ़ पानी में पनपता है और बहुत अधिक ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता । डेंगू वायरस शरीर में पहुँचने के 3-5 दीन बाद अपना असर दिखाता है , लेकिन कभी-कभी अवधि 7-10 दिन की भी होती हैं। हर वर्ष जुलाई से अक्टूबर के मध्य डेंगू का प्रकोप फैलता ।
डेंगू के प्रकार और उनके लक्षण
- सर दर्द
- तीव्र बुखार
- जोड़ो में दर्द
- उलटी/दस्त
- पुरे शरीर में दर्द
- आँखों में दर्द
- शरीर के कुछ हिस्सों पर लाल लाल चकते निकल आना
- कई बार नाक से खून आता है
साधारण डेंगू बुखार जिसे क्लासिक डेंगू भी कहते हैं - सामान्यतः 5-7 दीन तक रहता है । इसमें ठंड (ठंड) लगने के बाद तेज बुखार चढ़ना , सर, मांसपेशियों और सर में दर्द होना, जोड़ों, आँखों के पीछे हिस्से में दर्द होना, जो आँखों को दबाने या फिर हिलाने से और बढ़ता है, बहुत अधिक लगना, भूख न लगना , जी मिचलाना , स्वाद खराब होना , गले में हल्का हल्का दर्द होना , शरीर विशेषकर चेहरे, गर्दन और सीने (छाती) पर लाल गुलाबी रंग के धब्बे नज़र आते हैं ।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHE) - यदि ऊपर बताये गए साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ साथ रोगी को नाक और मसूड़ों में खून आना, फिर शौच उलटी में खून आना , त्वचा पर नीले काले रंग के चकत्तेपड़ जाना जैसे लक्षण प्रकट हो तो उसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHE) हो सकता है । इसका पता लगाने के लिए रक्त की जांच है ।
डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) - रोगियों में साधारण डेंगू बुखार और डेंगू रक्तस्रावी बुखार के लक्षणों के साथ बेचैनी महसूस होती है , तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा ठंडी हो, मरीज़ बार बार बेहोश हो, पल्स कभी तेज और कभी धीरे चलने लगे और रक्तचाप एकदम कम हो जाए, तो मामला डेंगू शॉक सिंड्रोम का है । डेंगू की ये अवस्था बेहद खतरनाक होती है , जिसमें मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कराना ज़रूरी हो जाता है ।
डेंगू का इलाज
साधारण डेंगू बुखार में पेरासिटामोल से काम चल सकता है।लेकिन ध्यान रखें मरीज़ को एस्पिरिन (disprin आदि) की गोलियाँ बिखुल नहीं देनी चाहिए , क्योंकि इससे प्लेटलेट्स काम होने का खतरा रहता है ।
आराम करे और लिक्विड लेते रहो| इस दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाइये, इसलिए डॉक्टर द्वारा बताये पाउडर को पानी में डालकर पीते रहे|
आराम करे और लिक्विड लेते रहो| इस दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाइये, इसलिए डॉक्टर द्वारा बताये पाउडर को पानी में डालकर पीते रहे|
किसी भी अन्य बीमारी की तरह डेंगू के मरीज़ को भी अच्छे डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी होता है। इसीलिए यदि आपको ऊपर दिए कोई लक्षण अपने शरीर में लगे अपने खून की जांच ज़रूर कराएं ।
डेंगू से बचाव के घरेलू उपाय
विटामिन सी - विटामिन सी की अधिकता वाली चीज़ें जैसे अमला, संतरा फिर मौसमी पर्याप्त मात्र में ले, इससे शरीर का सुरक्षा चक्र (प्रतिरक्षा प्रणाली) मज़बूत होता है।
हल्दी - खाने में हल्दी का अधिक प्रयोग करे। इसे सुबह आधा चम्मच पानी के साथ या फिर रात में दूध से लिया जा सकता है । लेकिन मरीज़ को यदि ज़ुकाम हो तो दूधका प्रयोग न करें ।
तुलसी और शहद - तुलसी और शहद के पाटों को उबाल कर पियें , इससे भी इम्यून सिस्टम बेहतर होता है ।
सरसों का तेल - नाक के अंदर सरसों का तेल लगाएं । तेल की चिकनाहट बैक्टीरिया को भीतर जाने से रोकती है।
डेंगू को रोकने के उपाय
मच्छरों से बचना - डेंगू का वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू एक संक्रामक रोग है और कुछ स्थितियों में यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए। डेंगू से बचने का एकमात्र उपाय, मच्छरों से बचना है। यहां हम आपके और आपके परिवार के लिए इस महामारी को रोकने में मदद करने के कुछ सुझावों के बारे में बता रहे हैं।
रुके हुए पानी से छुटकारा पाएं
एडीज एजिप्टी मच्छर दिन के समय संक्रमण फैलाते हैं। इनका जन्म आमतौर पर जमा पानी वाले स्थानों पर होता है। इसलिए घर के अंदर और आस-पास स्थिर पानी को साफ करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा कूलर, गमले आदि में पानी जमा न रहने दें।
रोगी को मच्छर के कटाने से बचायें
डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को फिर से मच्छर द्वारा कटाने से बचाये। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें किे घर में हर किसी की मच्छर के काटने के खिलाफ रक्षा की जाये।
मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट का प्रयोग करें
मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल नियमित रूप से करें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि दिन है या रात। मच्छरों वाले स्थान में मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल रात में करने के साथ-साथ दिन में भी करें।
मच्छरों के सभी प्रवेश बिंदुओं को ब्लॉक करें
आप इस बात को भी सुनिश्चित करें कि अंदर और बाहर जाने के सभी रास्तों में किसी भी प्रकार का छेद न हो। अगर आप ऐसा पाते हैं तो घर में मच्छरों के प्रवेश को निषेध करने के लिए ठीक से उन सभी छेदों को ब्लॉक कर दें।
मच्छरदानी का प्रयोग करें
घर में मच्छरों के अधिक होने पर सोने के लिए आपको हर रात मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। विशेष रूप से अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो उन्हें रात के समय बिना मच्छरदानी के न सोने दें।
कूड़ेदान को साफ रखें
कूड़ेदान में कचरा एकत्रित होता दिखाई देने पर उसे तुरंत खाली करें। क्योंकि गंदगी या गंदा हिस्सा मच्छरों के लिए प्रजनन भूमि हो सकता है। इसके अलावा, उस क्षेत्र में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए कचरे को ढंक कर रखें।
घर के पास तुलसी के पौधे को रखें
प्राकृतिक तरीके से घर में मच्छरों के प्रवेश को रोकने के लिए अपनी खिड़की या दरवाजे के पास तुलसी का पौधा लगाये। यह प्राकृतिक तौर पर रिपेलेंट का काम करता है जिससे इस संक्रमण की आशंका घटती है।
डेंगू होने पर क्या खाएं (डेंगू रोगी के लिए खाद्य पदार्थ)
पपीता पत्ते: ये डेंगू के रोगी के लिए महा औषधि का काम करता है । इलाज करने के लिए पपीते के दो पत्ते लें उनको पीसकर रस निकल लें । रस के कड़वेपन को दूर करने के लिए इसमें संतरे का रस (नारंगी) का रस या शहद मिलाइए ।दिन में एक बार इस रस को लें । रास का सेवन करने से रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या बढती है जो डेंगू के वायरस से लड़ता है।
संतरे का रस: संतरे में विटामिन भरपूर मात्र में होता है जो रोगी की पाचन शक्ति को मज़बूत करता है । संतरा हमारे रक्त की एंटीबॉडी को भी बढाता है जिससे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है ।
दलिया: डेंगू सीधे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमले करता है जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है । इसलिए डेंगू के मरीज़ को दलिया जैसा हल्का भोजन करना चाहिए
हर्बल चाय: अदरक (लहसुन) डालकर हुई हर्बल चाय बुखार को कम करने में मदद करती है और इसके सेवन से रोगी को आराम भी मिलता है।
नारियल का पानी: बुखार के कारण शरीर में जो पानी (जल) की कमी होती है उसको पूरा करने में नारियल का पानी बहुत मदद करता है। साथ ही यह शरीर में खनिजों की कमी को दूर करता है।
शोरबा (सूप): गाजर (गाजर), खीरा (ककड़ी) हां सब्जियों से बने सूप मुझे भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों होते हैं । ये डेंगू से लड़ने में मरीज़ की मदद करते हैं ।
नींबू का रस (नींबू का रस): नींबू का रस डेंगू के रोगी के लिए बहुत लाभदायक होता है, क्योंकि ये रक्त की अशुद्धियों को मूत्र के साथ बाहरनिकाल देता है ।
Source - फेसबुक