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May 24, 2022

कढ़ी पत्ते के उपयोग, फायदे, और नुकसान



कड़ी पत्ता जिसको मीठा नीम के नाम से भी जानते है क्यूंकि इसकी पत्तियां नीम की तरह की होती है परन्तु स्वाद कड़वा नहीं होता है और इसको इसीलिए कड़ी पत्ता कहा जाता है क्यूंकि इसको कढी में डालने पर कढी स्वादिष्ट हो जाता है


अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है, . इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता है।   कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है


इसका पेड़ छोटा होता है जिसकी उंचाई 2-4 मीटर होती है और तने का व्यास 40 सें.मी. तक होता है। इसकी पत्तियां नुकीली होतीं हैं, इसके पत्तियां ख़ुशबूदार होतीं हैं। इसके फूल छोटे-छोटे, सफ़ेद रंग के और ख़ुशबूदार होते हैं। इसके छोटे-छोटे, चमकीले काले रंग के फल होते है जिसे खाए जा सकते हैं, लेकिन इनके बीज ज़हरीले होते हैं।

कढ़ी पत्ते का उपयोग – 

 

अपने नियमित आहार में कढ़ी पत्ते को शामिल करने के लिए इसका कई तरीके से उपयोग किया जा सकता है। 

खाने में उपयोग 

1. भोजन पकाते वक्त करी पत्ता का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। इसे सब्जी, दाल, सांभर चावल और तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद बढाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 

 

2.  इसकी चटनी बनाकर भी आप इसे प्रयोग में ला सकते हैं। 

 

3.  इसे फ्राई करके फूड गार्निशिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

 

4. कुछ विशेष परिस्थियों जैसे किसी खास बीमारी से बचाव के लिए इसके जूस का सेवन भी किया जा सकता है। लेकिन इसके जूस के उपयोग से पहले आपको विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

 

नोट– एक बार के आहार में कढ़ी पत्तियों की करीब 8 से 10 पत्तियों को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। 

 

कढ़ी पत्ते के फायदे – 

 

1. वजन घटाने में कढ़ी पत्ता के फायदे 

 

कढ़ी पत्ते में डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों में वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ट्राइग्लिसराइड (फैट का एक प्रकार) के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई जाती है। इसलिए कढ़ी पत्ते का उपयोग वजन घटाने में मददगार साबित होता है । 

 

2. एनीमिया में लाभदायक 

 

विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते में एंटी एनीमिया गुण पाया जाता है, जो एनीमिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है। इसके अलावा कड़ी पत्ता कैल्सियम आयरन, जिंक और वैनेडियम जैसे खनिज पदार्थों का अच्छा स्रोत है। इस कारण एनीमिया से निजात दिलाने में कढ़ी पत्ते का उपयोग सहायक साबित हो सकता है । 

 

3. डायबिटीज में मददगार 

कढ़ी पत्ते में हाइपोग्लाइसेमिक (शुगर लेवल को कम करना) गुण पाए जाते हैं । यह गुण शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक साबित होता है। इस कारण नियमित आहार में करी पत्ता के उपयोग से डायबिटीज में लाभ हो सकता है। 

4. लिवर के लिए कढ़ी पत्ता के फायदे 

 

कढ़ी पत्ते में टैनिन और कारबाजोले एल्कलॉइड जैसे तत्व मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन तत्वों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बढाते हैं। साथ ही उससे संबंधित हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसे जोखिमों को कम करने में भी सहायक होते हैं । 

 

5. डायरिया से बचाव 

 

कढ़ी पत्ते में पाए जाने वाले कार्बाजोले एल्कलॉइड्स में डायरिया से बचाव करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है। इसलिए इसका नियमित सेवन, डायरिया जैसी समस्या से निजात पाने में कारगर साबित हो सकता है । 

 

6. हृदय को स्वस्थ रखता है।

 

कढ़ी पत्ता एक हर्बल औषधि है, जो विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज लिए करी पत्ते का उपयोग एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में लंबे समय से होता आया है। इसके अलावा करी पत्ता कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम भी करता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है । 

 

7. कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण 

 

कढ़ी पत्ते में विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं। वहीं इस संबंध में किये गए एक शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि कढ़ी पत्ते का उपयोग शरीर से बैड केलेस्ट्रोल की मात्रा को घटाने में सहायक सिद्ध होता है । 

 

8. संक्रमण से बचाव में कढ़ी पत्ता के फायदे 

 

विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते के तेल में पाए जाने वाले कुछ खास पोषक तत्वों में एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले यही गुण बैक्टीरिया और फंगल प्रभाव को कम करने में लाभकारी परिणाम देते हैं । इसलिए करी पत्ता के फायदे में संक्रमण से बचाव भी शामिल है। 

 

9. त्वचा के लिए लाभदायक 

 

कढ़ी पत्ते का प्रयोग त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इसके तेल में मौजूद तत्वों में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जिनके प्रभाव से जले-कटे और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर इसे उपयोग में लाया जा सकता है । 

 

10. बालों का रखे खास ख्याल 

विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी के पत्ते हरे होने से इसमें आयरन , जिंक ,कॉपर , केल्शियम, विटामिन ए और बी , अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि होते है, इसके ये पोषक तत्व बालों के लिए भी अहम भूमिका निभाते हैं। यह बाल को सफ़ेद होने और झड़ने से रोकता है.  इसके पत्तों का पेस्ट, बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता हैकढ़ी पत्ते का तेल बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इसका नियमित इस्तेमाल बालों के विकास में मदद करता है।

बालों के स्वास्थ्य के लिए आप इसका पेस्ट बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे  नारियल के तेल के साथ गरम करके भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है या फिर  कढ़ी पत्ते को पानी में उबालकर, उससे बाल धोने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। 

 

11. त्वचा के लिए उपयोग 

 

कढ़ी पत्ते का  पेस्ट त्वचा की निखार बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। कढ़ी पत्ते को पानी के साथ उबालकर उस पानी को नहाने के लिए करने से त्वचा संबंधी विकारों (फंगल इन्फेक्शन) से छुटकारा पाया जा सकता है। 

 

12.  यदि आपको कहीं भी फोड़ा फुंसी सूजन हो , इसके लिए कड़ी पत्ते को पीसकर पेस्ट बनाकर उस जगह पर लेप करे । इससे फुंसियाँ ठीक हो जाएँगी । कड़ी पत्ते का रस घावों को भरने में बहुत ही लाभकारी है ।

13. यदि शरीर में कहीं लग चोट लग जाएँ या कट जाए या घाव पक गया हो व् सूख   रहा हो तो उस स्थिति में कड़ी पत्ते को उबालकर उसके पानी से घाव को धोये । इससे घाव के पकने की सम्भावना दूर हो जाएगी और वह जल्द ही सूख जायेगा । घावों को भरने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है 

 

कढ़ी पत्ते के नुकसान – 

करी पत्ता के फायदे और उपयोग जानने के बाद अब बात करते हैं कढ़ी पत्ते से होने वाले नुकसान के संबंध में। 

 

कढ़ी पत्ते के वैसे तो कोई नुकसान नहीं देखे गए हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में या अधिक मात्रा में इसका उपयोग नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

 

1. कुछ लोगों में इसके एलर्जिक इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में इसके उपयोग को बंद कर देना चाहिए। 

 

2. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि इस स्थिति में इसके प्रयोग के कुछ दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं। 

 

3. वहीं, कुछ मामलों में इसके तेल का उपयोग बालों की जड़ों को कमजोर करने और उनके झड़ने का कारण भी बन सकता है।