Disclaimer: The Information on this website has not been evaluated by the Food and Drug Administration. Authors of this website are neither licensed physicians nor scientists. Information provided on this site are not intended to diagnose, treat, cure or prevent any disease. If you have a medical condition, consult your physician. All information is provided for educational purposes only. Although information presented by the website is based on Ayurvedic principles practiced for thousands of years, it should not be taken or construed as standard Type your question here and then click Search medical diagnosis or treatment. For any medical condition, always consult with a qualified physician. This website neither claim cure from any disease by any means NOR it sell any product directly. All products and Advertising Links are External

Jan 24, 2021

श्वेत प्रदर (Leukorrhea) या सफेद पानी आना: कारण, लक्षण, बचाव और इलाज


आज हम बात करेंगे एक ऐसी समस्या पर जिसे लेकर बहुत सी महिलाएं अक्सर शर्माती हैं या खुलकर बात नहीं करतीं।

वो है — श्वेत प्रदर या योनि से सफेद पानी आना।

असल में यह एक बहुत आम चीज़ है, लेकिन सबको यह समझना जरूरी है कि कब यह सामान्य है और कब यह बीमारी का संकेत हो सकता है।

तो आइए इसे बहुत आसान भाषा में और विस्तार से समझते हैं।

सबसे पहले समझते हैं — श्वेत प्रदर होता क्या है?

श्वेत प्रदर का मतलब है — योनि से सफेद, हल्का पीला या कभी-कभी गाढ़ा स्राव निकलना।

इसे अंग्रेज़ी में Leukorrhea कहा जाता है।

अब ध्यान रखें —


✔️ हर बार सफेद पानी निकलना बीमारी का लक्षण नहीं होता।

✔️ यह शरीर का प्राकृतिक तरीका भी है — योनि को साफ और नम बनाए रखने का।

योनि में कई तरह के बैक्टीरिया और फफूंद (फंगल) भी होते हैं जो संतुलन बनाए रखते हैं।

इसलिए हल्का सफेद पानी निकलना सामान्य होता है।


अब सवाल — कब ये पूरी तरह सामान्य और हेल्दी माना जाता है?

✅ मासिक धर्म से कुछ दिन पहले

✅ मासिक धर्म के बाद

✅ अंडोत्सर्ग यानी Ovulation के समय

✅ यौन उत्तेजना होने पर

✅ गर्भावस्था के दौरान

इन स्थितियों में हार्मोनल बदलाव होते हैं।

जिससे योनि से हल्का दूधिया या पारदर्शी सफेद स्राव निकलता है।

ये पानी जैसा होता है, बिना गंध के।

✅ इससे डरने या इलाज कराने की कोई जरूरत नहीं।

यह शरीर का प्राकृतिक और स्वस्थ प्रक्रिया है।

डॉक्टर भी इसे सामान्य मानते हैं।


अब बात करते हैं — कब यह असामान्य हो सकता है?

कब यह बीमारी या संक्रमण का लक्षण होता है?

✅ अगर स्राव की मात्रा अचानक बहुत ज्यादा हो जाए।

✅ उसमें बदबू हो।

✅ रंग बदलकर पीला, हरा या ग्रे हो जाए।

✅ गाढ़ा, झागदार या चिपचिपा हो जाए।

✅ योनि में खुजली या जलन हो।

✅ पेशाब करते समय जलन हो।

✅ निचले पेट या कमर में दर्द हो।

✅ कमजोरी या चक्कर आने लगे।

ये लक्षण बताते हैं कि योनि में इन्फेक्शन हो सकता है।

✅ ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।



असामान्य यानी रोग के कारण होने वाला श्वेत प्रदर क्यों होता है?

इसके कई कारण हो सकते हैं:

✔️ बैक्टीरियल वेजिनोसिस — योनि के बैक्टीरिया का असंतुलन।

✔️ यीस्ट इन्फेक्शन — फंगस का संक्रमण।

✔️ ट्राइकोमोनस — एक तरह का प्रोटोजोआ संक्रमण।

✔️ यौन संचारित रोग (STI)।

✔️ बार-बार गर्भपात कराना।

✔️ गर्भनिरोधक यंत्र (जैसे कॉपर टी) से संक्रमण।

✔️ गंदी आदतें — जैसे संभोग के बाद योनि को न धोना।

✔️ बार-बार या बहुत कड़े तरीके से संभोग करना जिससे चोट लगे।

✔️ डायबिटीज (खून में शुगर ज्यादा हो तो संक्रमण का खतरा बढ़ता है)।

✔️ बहुत कमजोर इम्युनिटी।

✔️ बार-बार एंटीबायोटिक लेना।


किशोर लड़कियों में भी श्वेत प्रदर होता है। क्यों?


✔️ हार्मोनल बदलाव के कारण।

✔️ शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत।

✅ हल्का, बिना गंध का सफेद पानी नॉर्मल है।

✅ लेकिन अगर बदबू, खुजली या जलन हो तो डॉक्टर से दिखाना चाहिए।

✅ शर्माने की कोई जरूरत नहीं।



गर्भवती महिलाओं में सफेद पानी आना भी आम है। क्यों?


✔️ हार्मोनल बदलाव।

✔️ गर्भाशय और योनि में ब्लड फ्लो बढ़ना।

✔️ गर्भाशय ग्रीवा का म्यूकस बनना।

✅ यह हल्का, सफेद या पारदर्शी, बिना गंध का होता है — नॉर्मल है।

लेकिन सतर्क रहें:

❗️ अगर रंग बदल जाए

❗️ बदबूदार हो

❗️ बहुत ज्यादा पानी जैसा निकले (amniotic fluid लीक हो सकता है)

✅ तुरंत डॉक्टर से मिलें।




मेनोपॉज के बाद हल्का स्राव कभी-कभी हो सकता है।


लेकिन अगर:

❗️ ज्यादा हो

❗️ खून मिले

❗️ बदबूदार हो

✅ तो यह कैंसर या गंभीर रोग का संकेत हो सकता है।

✅ तुरंत जाँच कराएं।


बहुत जरूरी है — साफ-सफाई रखना।

✔️ रोजाना नहाएं।

✔️ सूती अंडरवियर पहनें।

✔️ अंडरवियर रोज बदलें।

✔️ संभोग के बाद हल्के गुनगुने पानी से साफ करें।

✔️ अधिक साबुन या कैमिकल से योनि के अंदर न धोएं।

✔️ पिचकारी से अंदरूनी सफाई (डूशिंग) न करें — इससे संक्रमण बढ़ सकता है।

✔️ सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।

✔️ हर बार शौच के बाद अच्छी तरह गुप्तांग साफ करें।


सिर्फ बाहरी सफाई ही नहीं, अंदर से भी मजबूत बनें।

✅ पौष्टिक भोजन लें।

✅ ताजे फल, हरी सब्जियां, दही खाएं।

✅ खूब पानी पिएं।

✅ विटामिन C (आंवला, नींबू) लें।

✅ अगर डायबिटीज है तो शुगर कंट्रोल रखें।


घरेलू उपाय



✅ आंवला का रस या पाउडर शहद के साथ।

✅ तुलसी का रस और शहद।

✅ दही — रोजाना खाएं, यह प्रोबायोटिक है।

✅ फिटकरी के पानी से बाहर धोना (केवल डॉक्टर की सलाह से)।

✅ हल्दी दूध — संक्रमण कम करने में मददगार।

✅ सिंघाड़े का आटा, केला, टमाटर, गाजर — शरीर को पोषण देते हैं।

⚠️ याद रखें —

ये घरेलू उपाय हल्के संक्रमण में सहायक हैं।

गंभीर इन्फेक्शन या बदबूदार स्राव में डॉक्टर की दवा जरूरी है।


डॉक्टर से कब मिलें?



✅ स्राव में बदबू हो

✅ खुजली या जलन हो

✅ रंग बदले

✅ बहुत ज्यादा मात्रा में आए

✅ दर्द हो

✅ बार-बार हो

✅ प्रेग्नेंसी में असामान्य स्राव हो

✅ डॉक्टर सही जांच कर के एंटीबायोटिक, ऐंटीफंगल या अन्य दवा देंगे।

✅ जरूरत हो तो टेस्ट कराएंगे।



इलाज के विकल्प]


✅ ऐंटीफंगल क्रीम या दवा।

✅ ऐंटीबायोटिक टैबलेट या जेल।

✅ प्रोबायोटिक सप्लीमेंट।

✅ Pap smear या STI जांच।

✅ आयुर्वेदिक दवा — जैसे अशोकरिष्ट, अशोक घनवटी, प्रदरहर रस (वैद्य की सलाह से)।

NOTE -

श्वेत प्रदर हर बार बीमारी नहीं होता। लेकिन इसके लक्षणों को समझना जरूरी है। शर्म छोड़ें, जागरूक बनें। जरूरत पर डॉक्टर से खुलकर बात करें। आपका शरीर आपका है — इसका ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी है।


 गीता‍ंजली पांडेय

No comments:

Post a Comment