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Jan 10, 2020

दालचीनी के फायदे, उपयोग और नुकसान


दालचीनी (Cinnamomum verum, या C. zeylanicum) एक छोटा सदाबहार पेड़ है, जो कि 10–15 मी (32.8–49.2 फीट) ऊंचा होता है, यह लौरेसिई (Lauraceae) परिवार का है। यह श्रीलंका एवं दक्षिण भारत में बहुतायत में मिलता है। इसकी छाल मसाले की तरह प्रयोग होती है। इसमें एक अलग ही सुगन्ध होती है, जो कि इसे गरम मसालों की श्रेणी में रखती है।



दालचीनी के फायदे – 

1. वज़न कम करने के लिए 

आजकल बढ़ता वजन या मोटापा लगभग हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति के लिए चिंता का विषय बन गया है। खान-पान
पर ध्यान न देना और सही तरीक से शारीरिक श्रम यानी व्यायाम व योग ना करने से वजन बढ़ने की समस्या होते रहती है। ऐसे में अगर खाने में दालचीनी का सेवन किया जाए, तो कुछ हद एक यह समस्या कम हो सकती है। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स (polyphenols), एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर करता है। इंसुलिन खून में ग्लूकोज के स्तर को
नियंत्रित करता है, लेकिन जब आपका शरीर सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप मोटापा, डायबिटीज और अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग (polycystic ovarian disease) हैं, उनके लिए दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) को कम कर वजन को नियंत्रित करती है । इसके अलावा दालचीन का एंटी-ओबेसिटी प्रभाव और इसमें मौजूद कई अन्य तत्व मोटापे को कम करते हैं । 

कैसे खाएं ? 

सामग्री 
  • एक कप पानी 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • एक चम्मच शहद 
  • एक चम्मच नींबू का रस 
बनाने की विधि 
  • पहले पानी को उबाल लें। 
  • अब एक कप में दालचीनी पाउडर, शहद और नींबू के रस को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें और इस मिश्रण में उबले हुए पानी को डालकर अच्छे से मिला लें। 
  • इसके बाद पानी का सेवन करें। 
2. अर्थराइटिस में दालचीनी 

बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारी हड्डियां भी कमजोर होने लगती है और कई लोगों को गठिया (अर्थराइटिस) जैसी बीमारी घेर लेती है। ऐसे में दालचीनी एक औषधि के रूप में मदद करती है। दालचीनी में आयरन, कैल्शियम व मैंगनीज जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो गठिया की बीमारी में राहत देता हैं । एक शोध के मुताबिक, रहूमटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) में होने वाले दर्द और सूजन को हद तक कम करने में दालचीनी असरदार साबित होती है । 

कैसे इस्तेमाल करें ? 

दालचीनी के तेल की तीन से चार बूंदे, नारियल या सरसों तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म कर लें। अब इस तेल से हड्डियों की मालिश करें। ऐसा करने से दर्द से काफी हद तक राहत मिलेगी। 

3. डायबिटीज़ में दालचीनी 

खराब जीवनशैली और खान-पान की वजह से कई लोग मधुमेह का शिकार हो रहे हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया, तो आगे चलकर भारी नुकसान हो सकता है। वक्त के साथ-साथ डायबिटीज़ अन्य कई बीमारियों को जन्म देने लगती है। ऐसे में मधुमेह के मरीज अगर दालचीनी को अपने आहार में शामिल करते हैं, तो मधुमेह पर काफ़ी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट डायबिटीज होने के एक महत्वपूर्ण करक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है । 

इस मसाले में फेनोलिक यौगिक और फ्लैवोनॉइड मौजूद हैं, जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीडाइबेटिक, एंटीकैंसर और कार्डियोप्रोटेक्टीव गुण प्रदान करते हैं । इसके अलावा, एक शोध में बताया गया है कि दालचीनी, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स शरीर में इंसुलिन को बेहतर करता है, जिससे डायबिटीज का खतरा को कम होता है । 

कैसे खाएं ? 

सामग्री 
  • छोटा अदरक का टुकड़ा 
  • दो चम्मच नींबू का ताजा रस 
  • एक टूकड़ा दालचीनी का (Ceylon cinnamon) 
  • एक चम्मच कच्ची ऑर्गेनिक शहद या सामान्य शहद 
  • आधा या एक कप फिल्टर या छना हुआ पानी 
बनाने की विधि 
  • पानी को मध्यम से थोड़े ज्यादा आंच पर गर्म करें। 
  • अदरक के छोटे या बारीक टुकड़े करें। 
  • जैसे ही पानी उबलने लगे, उसमें अदरक डाल दें। 
  • फिर गैस को थोड़ा कम कर दें और इसमें दालचीनी डालें। 
  • पांच मिनट तक दालचीनी को पानी में भीगने दें, फिर पानी को छानकर एक कप में डाल दें। 
  • अब इसमें नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएं। 

नोट: आप इसे पूरे दिन में किसी भी समय पी सकते हैं। 

4. दिमाग़ के लिए दालचीनी 

दालचीनी मस्तिष्क के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। दालचीनी की सुगंध मस्तिष्क की गतिविधि को बढ़ाती है। यह मस्तिष्क के लिए अच्छा टॉनिक है। इससे न सिर्फ मस्तिष्क तेजी से काम करता है, बल्कि इससे तनाव व चिंता जैसी परेशानियों से भी आराम मिलता है। जिन लोगों ने दालचीनी की तेल को सूंघा है, उनकी स्मरण शक्ति बढ़ने लगती है । इसके अलावा दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मनुष्य को अल्जाइमर और पार्किसन जैसे मस्तिष्क विकार से भी बचाता है । जहां अल्ज़ाइमर में याददाश्त कमज़ोर हो जाती है, वहीं पार्किसन में शरीर के अंगों में कंपन शुरू हो जाता है। 

ऐसे करें दालचीनी का प्रयोग 

सामग्री 
  • आधा या एक कप पानी 
  • दालचीनी की छोटी-सी छड़ी 
  • एक चम्मच शहद 
बनाने की विधि 
  • पानी को उबाल लें। 
  • अब बर्तन में दालचीनी डालकर उसमें गर्म पानी डालें। 
  • पानी में करीब दस मिनट तक दालचीनी को भीगने दें, ताकि इसके सारे गुण पानी में आ जाएं। 
  • फिर पानी को छानकर, उसमें शहद मिलाकर पिएं। 
5. सर्दी और खांसी में दालचीनी 

दालचीनी में एंटी-माइक्रोबायल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं। ये गुण सर्दी-खांसी से बचाव करते हैं। इसलिए, में दालचीनी का प्रयोग बेहतर उपाय है। 

कैसे करेंं इस्तेमाल 

सामग्री 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • दो लौंग के टुकड़े 
  • एक गिलास गर्म पानी 
बनाने की विधि 
  • आप दालचीनी पाउडर और लौंग को पानी में डालकर पांच से दस मिनट तक उबालें। 
  • फिर इसे छान लें और इसे चम्मच से पिएं। 
नोट: आप इसे सिरप की तरह एक या दो चम्मच दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं। 

6. रक्त परिसंचरण के लिए दालचीनी 

दालचीनी रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। दालचीनी में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो खून को पतला कर रक्त परिसंचरण को बढ़ाते हैं। दालचीनी में मौजूद यह गुण धमनियों से जुड़े बीमारी और दिल के दौरे से भी बचाता है। बेहतर रक्त परिसंचरण का मतलब कम दर्द और अधिक ऑक्सीजन है । 

7. कोलेस्ट्रॉल और दिल के लिए दालचीनी 

दालचीनी आपके हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर, अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को स्थिर करती है। इससे दिल के दौरे का खतरा भी कम होता है। यह खासकर टाइप-2 मधुमेह वाले मरीजों में ज्यादा कारगर साबित हुआ है । 

कैसे सेवन करें ? 
  • आप दालचीनी की चाय पी सकते हैं। 
  • सब्जियों में दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। इससे न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ेगा, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी सही है। 
8. पाचन क्रिया के लिए दालचीनी 

दालचीनी पाचन तंत्र के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है, जो पाचन तंत्र में संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और कैंडीडा नामक बीमारी से बचाव करता है । 

9. ब्लड प्रेशर की समस्या में दालचीनी 

आजकल हाई और लो ब्लड प्रेशर यानी उच्च और निम्न रक्तचाप की समस्या कई लोगों को होती है। ऐसे में दालचीनी के सेवन से यह समस्या से काफी हद तक दूर हो सकती है। खासकर टाइप-2 डायबिटीज वाले मरीजों के लिए यह ज्यादा फायदेमंद है । हालांकि, जानवरों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि दालचीनी, परिधीय वाहिका प्रसरण (peripheral vasodilatation) के जरिए, रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करती है ।

10. इंफर्टिलिटी में दालचीनी 

दालचीनी एक एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो पॉलीफेनोलिस यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत है। यह मोटापे से ग्रस्त लोगों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है। साथ ही यह इनफर्टिलिटी के खतरे को भी कम करता है । 

11. मासिक धर्म के समय दालचीनी 

अमूमन हर महिला के लिए मासिक धर्म का समय कई परेशानियों, जैसे-पेट दर्द, मितली इत्यादि से भरा होता है। इस स्थिति में कई महिलाएं दवाइयों का सेवन करती हैं, लेकिन हर बार दवाइयों का सेवन खतरनाक हो सकता है। इसलिए, मासिक धर्म के समय दालचीनी के घरेलू उपाय काफी मददगार साबित हो सकते हैं। दालचीनी के सेवन से मासिक धर्म के समय ज्यादा रक्त स्त्राव की परेशानी, दर्द व मितली जैसी समस्याएं कुछ कम होती हैं। यह डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) यानी मासिक धर्म के समय या पहले होने वाले ऐंठन की समस्या को भी कम करता है (18) (19)। यहां तक की दालनीची पाउडर के सेवन से महिलाओं को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) से भी राहत मिलती है । 

कैसे सेवन करें? 
  • एक से दो गिलास पानी 
  • एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • थोड़ा शहद 
बनाने की विधि 
  • एक से दो गिलास पानी में दालचीनी पाउडर डालकर उबाल लें। 
  • फिर इसमें शहद मिलाकर पानी को पिएं। 
  • ऐसा करने से मासिक धर्म की ऐंठन काफी हद तक कम होगी। 
12. कैंसर के लिए दालचीनी 

दालचीनी, कैंसर की कोशिकाओं के विकास को कम करता है और उन्हें फैलने से रोकता है। चूहों पर किए गए एक अध्ययन से दिलचस्प परिणाम सामने आए हैं कि दालचीनी पेट में एंजाइम को सक्रिय करता है, जो इन्द्रियों को डिटॉक्सीफाई कर कोलन कैंसर (एक प्रकार का पेट का कैंसर) को फैलने से रोकता है । दालचीनी में एंटी कैंसर गुण मौजूद है, जो कई प्रकार के कैंसर से हमारे शरीर को बचाता है। साथ ही दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स, मेलेनोमा कैंसर (त्वचा का कैंसर) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। 

13. दस्त में दालचीनी 

गलत खान-पान या कभी-कभी मौसम के वजह से दस्त यानी डायरिया की समस्या हो जाती है। ऐसे में बार-बार दवाइयों के सेवन से पहले अगर घरेलू उपाय को अपनाया जाए, तो फायदेमंद साबित हो सकता है। कई शोध से यह पता चला है कि दालचीनी डायरिया की समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है। दालचीनी के एंटी-बैक्टीरियल और औषिधीय गुण डायरिया में काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं । 

कैसे करें सेवन? 

सामग्री 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • एक चम्मच जीरा पाउडर 
  • एक चमच अदरक पाउडर 
  • एक चम्मच शहद 
  • एक गिलास पानी 
बनाने की विधि 

सारे सामग्रियों को एक गिलास पानी में मिलाएं और पिएं। आप इसे दिनभर में दो से तीन बार पिएं। 

14. गर्भावस्था में दालचीनी 

गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए। अगर गर्भवती महिला खाने में दालचीनी का सेवन करती है, तो यह उनके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण किसी भी प्रकार के संक्रमण से महिला का बचाव करते हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि अगर किसी गर्भवती को गर्भावधि मधुमेह है या डायबिटीज की दवा ले रही है, तो दालचीनी का सेवन डॉक्टर से पूछकर करें। जरूरत से ज्यादा दालचीनी का सेवन खून को पतला कर सकता है, जिसका असर गर्भावस्था के बाद होने वाले रक्तस्त्राव पर पड़ सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान ज्यादा दालचीनी का सेवन समय से पहले प्रसव का कारण बन सकता है। गर्भवती महिलाएं सिर्फ खाने में दालचीनी का प्रयोग करें और सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। 

15. लंबी उम्र के लिए दालचीनी 

आपको जानकर हैरानी होगी कि दालचीनी से आपकी आयु पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लगातार दालचीनी पाउडर का सेवन करने से आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। इससे आप फुर्तीले और लंबे वक्त तक स्वस्थ रह सकते हैं। इसका प्रभाव आपकी आयु पर भी हो सकता है। 

कैसे करें सेवन? 

सामग्री 
  • दो कप पानी 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • दो से तीन चम्मच शहद 
बनाने की विधि  
  • आप दालचीनी पाउडर को पानी में उबालें और फिर हल्का ठंडा होने के बाद इसमें शहद मिलाकर पिएं। 
  • आप इसे दिनभर में एक से दो बार पी सकते हैं। 
16. दालचीनी कब्ज और गैस के लिए 

आजकल के उल्टे-सीधे खान-पान के कारण हमारे पेट की हालत बहुत खराब हो जाती है। कभी कब्ज तो कभी गैस की शिकायत आए दिन लगी रहती है। कई लोगों को कब्ज और गैस की दवा लेने की आदत हो जाती है। इन दवा को बार-बार लेना,स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे में दालचीनी जैसे घरेलू औषधि को अपने आहार में शामिल करेंगे, तो पेट की समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है।  आप रात को सोने से पहले दूध में दालचीनी का पाउडर मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको गैस, कब्ज और पेट से सम्बंधित अन्य परेशानियों से राहत मिल सकती है। अगर, दूध के साथ पीना पसंद ना हो तो खाने में जरूर इसका सेवन करें। आप इस बात को भी ना भूलें कि दालचीनी का जरूरत से ज्यादा सेवन, पाचन क्रिया पर बुरा असर डाल सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में लें। 

17. दर्द से राहत 

हम अक्सर किसी भी तरह का दर्द होने पर दर्द निवारक दवा लेते हैं, जो हानिक़ारक साबित हो सकता है। वहीं, दालचीनी शरीर में होने वाले कई तरह के दर्द, जैसे-दांत दर्द, हड्डियों का दर्द व पेट दर्द में राहत देती है। 

कैसे करें उपयोग ? 
  • दांत दर्द हो तो दालचीनी को चबाकर खाएं या दालचीनी के पानी से कुल्ला करें। इसके अलावा, दालचीनी के पत्ते का तेल भी रूई में लगाकर दांतों के बीच दबा सकते हैं। 
  • पेट दर्द हो तो दालचीनी की चाय या दूध के साथ दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। 
  • जोड़ों के दर्द में दालचीनी का तेल आप नारियल या सरसों के तेल के साथ गर्म करके लगा सकते हैं। इसके अलावा आप दालचीनी के पाउडर को गुनगुने पानी में पेस्ट बनाकर दर्द वाले हिस्से पर मालिश करें। इससे दर्द कम होने की संभावना होती है। 
नोट: अगर इनमें से कोई भी दर्द दालचीनी के इस्तेमाल के बाद भी ज्यादा दिनों तक रहता है, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। 

त्वचा के लिए दालचीनी के फायदे –

दालचीनी के फायदे सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी है। हर कोई चाहता है कि उनकी त्वचा में हमेशा चमक और नमी बरकरार रहे, क्योंकि बाहरी खूबसूरती भी बेहद मायने रखती है। विभिन्न तरह की क्रीम व दवाइयों का उपयोग करने से बस कुछ समय के लिए त्वचा पर चमक आएगी और उनके साइड इफेक्ट्स भी होंगे। इससे अच्छा है कि दालचीनी जैसे प्राकृतिक औषधि का उपयोग कर अपनी खूबसूरती को बढ़ाया जाए। नीचे हम दालचीनी के कुछ फायदे बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा को जवां और ख़ूबसूरत रखेंगे। हालांकि, दालचीनी की तासीर गर्म होती है, इसलिए जिनके शरीर की तासीर गर्म होती है या जिनको गर्म तासीर के खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 

1. मुंहासों और दाग-धब्बों के लिए 

धूल-मिट्टी, प्रदूषण, बदलते मौसम या गलत खान-पान के कारण चेहरे पर मुंहासे या पिंपल होने लगते हैं। कई बार ये पिंपल चेहरे पर दाग तक छोड़ देते हैं। आफत तब हो जाती है, जब किसी पार्टी में जाना हो, तब ये पिंपल उनके दाग-धब्बे बुरे लगते हैं, लेकिन अब दालचीनी जैसा सामान्य घरेलू मसाला, आपकी इस परेशानी को दूर कर सकता है। दालचीनी का एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पिंपल और दाग-धब्बों को कम करते हैं। इसके अलावा, दालचीनी और शहद का मिश्रण पिंपल वाले बैक्टीरिया को मारता है । 

कैसे इस्तेमाल करें ? 

सामग्री 
  • चुटकीभर दालचीनी पाउडर 
  • लगभग एक चम्मच शहद 
बनाने की विधि 
  • अपनी हथेली पर शहद और उसमें दालचीनी पाउडर मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। 
  • अब सोने से पहले चेहरे को अच्छे से साफ कर, इस पेस्ट को दाग-धब्बों पर लगाकर रातभर के लिए छोड़ दें। 
  • अगली सुबह साफ पानी से मुंह धो लें। 
  • ध्यान रहे कि आप पेस्ट तैयार करने से पहले हाथ को अच्छे से धो लें, ताकि आपके हाथ में मौजूद बैक्टीरिया और गंदगी आपके चेहरे तक न पहुंचे। 
  • इस पेस्ट का असर भले ही धीरे होगा, लेकिन इससे आपके दाग-धब्बे कम होने लगेंगे। 
2. होंठों को आकर्षक दिखाने के लिए दालचीनी 

होंठों का आकर्षक दिखना भी जरूरी है। कई महिलाएं चाहती हैं कि उनके होंठ प्रियंका चोपड़ा, जैकलीन फर्नांडीज जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह दिखें। दालचीनी ऐसा ही एक घरेलू मसाला है, जिससे आपके होंठ इन अभिनेत्रियों की तरह आकर्षक दिख सकते हैं। 

कैसे इस्तेमाल करें 

सामग्री 
  • दालचीनी की तीन से चार छोटी छड़ियां 
  • एक कप जैतून का तेल 
  • एक छोटी शीशी या जार 
बनाने की विधि 
  • जार में दालचीनी की छड़ी डालें और इसमें जैतून का तेल मिलाएं। 
  • इतना तेल डालें कि दालचीनी उसमें अच्छे से भीग जाए। 
  • अब इस मिश्रण को एक से दो हफ्ते तक ढक्कन बंद करके ऐसे ही छोड़ दें। 
  • जब इसके रंग में बदलाव नजर आने लगे, तो समझ जाएं कि दालचीनी के गुण तेल में आने लगे हैं और अब यह इस्तेमाल के लिए तैयार है। 
  • अब इस तेल से अपने होंठो की मालिश करें। 
नोट: दालचीनी में मौजूद गुण होंठों को निखारते हैं, जबकि जैतून का तेल होठों को मॉइश्चराइज़ रखता है। 

3. रूखी त्वचा के लिए दालचीनी 

बदलते मौसम के साथ रूखी त्वचा की परेशानी लगभग हर किसी को झेलनी पड़ती है। कभी-कभी तो चाहे जितनी भी क्रीम लगा लें, लेकिन रूखी त्वचा की समस्या खत्म ही नहीं होती। ऐसे में अगर दालचीनी जैसे घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल किया जाए, तो रूखी त्वचा से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। दालचीनी, त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर उसे कोमल बनाती है। आप दालचीनी को स्क्रब की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

सामग्री 
  • पीसी हुई या दालचीनी का पाउडर 
  • नमक 
  • जैतून का तेल 
  • बादाम का तेल 
  • शहद 
बनाने की विधि 

दालचीनी, नमक, जैतून का तेल, बादाम का तेल और शहद को मिलाकर एक स्क्रब तैयार कर लें और इसे हफ्ते में एक या दो बार लगाएं। 

नोट: ध्यान रहे कि अगर ये स्क्रब लगाने के बाद आपको जलन या खुजली महसूस हो, तो आप तुरंत इसे धो लें। इसे परखने के लिए आप पहले इस पेस्ट को अपने हाथ पर लगाकर पता कर सकते हैं। 

4. दालचीनी त्वचा की रंगत को निखारता है 

दालचीनी, चेहरे की रंगत को भी निखारता है। प्रदुषण या धूप के कारण अक्सर त्वचा की रंगत उड़ने लगती है, जिससे चेहरे की खूबसूरती गायब हो सकती है। इसलिए, अगर दालचीनी का घरेलू पैक लगाया जाए, तो रंगत में काफी हद तक सुधार आ सकता है। 

फेस पैक बनाने के लिए सामग्री 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • दो चम्मच दही 
  • एक छोटा केला 
  • आधा नींबू का रस 
बनाने की विधि 
दालचीनी पाउडर, दही, केला व नींबू का रस मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। 
फिर इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाकर दस से पंद्रह मिनट के लिए या छोड़ दें। पेस्ट के सूखते ही चेहरे को पानी से धो लें। 

नोट: आप इस पैक को हफ्ते में एक या दो बार लगा सकते हैं। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो पहले पैक को हाथ पर लगाकर देख लें कि कहीं आपको जलन, खुजली या किसी तरह की एलर्जी तो नहीं हो रही है। 

5. चेहरे को बनाए जवां 

बढ़ती उम्र के साथ चेहरा भी अपनी चमक खोने लगता है। चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं और निखार खत्म होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते इस चीज पर ध्यान दें। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक छोटी-सी दालचीनी आपके चेहरे को जवां बना सकती है। यह त्वचा को जवां बनाए रखती है, क्योंकि यह कोलेजन (collagen) को नष्ट होने से बचाती है और त्वचा के लचीलेपन को बरकरार रखती है। एक अध्ययन के अनुसार, दालचीनी कोलेजन जैव संश्लेषण को बढ़ाता है, जिससे एंटी-एजिंग की समस्या कुछ हद तक कम होती है । जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए, जिन्हें गर्म तासीर के खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, वो इसका सेवन करेंगे, तो उन्हें कील-मुंहासे की समस्या हो सकती है। 

ऐसे करें दालचीनी का उपयोग 

सामग्री 
  • एक चम्मच दालचीनी पाउडर 
  • एक चम्मच कच्चा शहद 

लगाने की विधि 
  • दालचीनी और शहद को मिलाकर पेस्ट बना लें। 
  • अब इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगा लें। 
  • इसे दस से पंद्रह मिनट के लिए रहने दें। 
  • फिर गुनगुने पानी से धो लें। 
इसके अलावा एक और तरीके से भी दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। आप वैसलीन में दालचीनी के तेल की दो-तीन बूंदें डालकर, उससे अपने चेहरे की मालिश कर सकते हैं। फिर थोड़े देर बाद आप साफ गीले तौलिये से अपने चेहरे को पोंछ लें। 

नोट: ध्यान रहे कि आप दालचीनी के किसी भी मिश्रण को आंखों के आसपास इस्तेमाल न करें। 

6. त्वचा संक्रमण या घाव में दालचीनी का उपयोग 

दालचीनी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं। साथ ही ये किसी भी घाव को आसानी से भर सकते हैं । 

नोट: आप त्वचा संक्रमण होने पर दालचीनी पाउडर व शहद को मिलाकर लगा सकते हैं, लेकिन पहले थोड़ी-सी मात्रा लगाएं। आप लगाने से पहले एक बार डॉक्टर से भी बात कर लें, क्योंकि यह आपके घाव या चोट पर निर्भर करता है कि वह कितना गहरा है और उसका घरेलू इलाज हो सकता है या डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। 

बालों के लिए दालचीनी के फायदे –

लंबे और घने बालों की चाह हर महिला को होती है। अपने बालों की चमक और खूबसूरती को बढ़ाने के लिए लोग तरह-तरह के शैम्पू इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इनकी जगह आप एक बार दालचीनी का इस्तेमाल करके देखिए। 

1. बालों को लंबा करने के लिए दालचीनी 

दालचीनी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर बालों की जड़ों तक ऑक्सीजन को पहुंचाता है, जिससे बाल स्वस्थ रहते हैं। दालचीनी का पेस्ट आपके बालों को बढ़ने में मदद कर सकता है। 

पेस्ट कैसे बनाएं 

सामग्री 
  • एक कप जैतून का तेल 
  • एक चम्मच दालचीनी 
  • एक चम्मच शहद 
बनाने की विधि 
  • जैतून के तेल को गुनगुना गर्म कर किसी कटोरी में डाल दें। 
  • अब इसमें दालचीनी और शहद मिलाएं। 
  • इसके बाद किसी ब्रश से इस पेस्ट को अपने बालों और उनकी जड़ों में लगाएं। 
  • इसे दस से पंद्रह मिनट तक रहने दें, उसके बाद बालों को शैम्पू व कंडीशनर से धो लें। 
नोट: इस पेस्ट को आप हफ्ते में एक बार लगा सकते हैं। 

2. बालों को कलर करने के लिए दालचीनी 

अगर आपको बालोंं को कलर करना चाहते हैं, लेकिन बाजार में उपलब्ध रासायनिक हेयर कलर इस्तेमाल करने से डरते हैं, तो ऐसे में दालचीनी अच्छा प्राकृतिक विकल्प है। आपको बस इतना करना है कि अपने बालों को अच्छे से धो लें और फिर सुखाकर अच्छे से झाड़ लें, ताकि आपके बाल फंसे या टूटे नहीं। इसके बाद दालचीनी और कंडीशनर को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इस को बालों पर लगाकर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह बालोंं को धो लें, इससे आपके बालों में हल्का-सा रंग आ जाएगा। 

नोट: अगर आपको यह पेस्ट लगाने के बाद खुजली हो, तो बालों को तुरंत धो लें, क्योंकि हर किसी के बालों की जरूरत अलग होती है। 

3. दालचीनी बालों के जड़ों को साफ करता है 

हर रोज की धूल-मिट्टी और प्रदुषण के कारण बाल गंदे, रूखे, बेजान व नमी खोने लगते हैं। ऐसे में कम से कम हफ्ते में एक बार आपके बालों की केयर करने की जरूरत होती है, ताकि बालों में फिर से ताजगी आ जाए। अगर आप केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करके प्राकृतिक और घरेलू नुस्खे को अपनाएंगे तो आपके बालों में और ज्यादा चमक आ जाएगी। इसलिए हम दालचीनी का एक नुस्खा आपके साथ शेयर कर रहे हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व, बालों में एक नई जान डाल देते हैं। 

यह है नुस्खा 

सामग्री 
  • आधा चम्मच दालचीनी या दालचीनी पाउडर 
  • एक चम्मच बेकिंग सोडा 
  • दो चम्मच जैतून का तेल 

नोट: सामग्रियों की मात्रा अपने बालों की लंबाई और घनत्व के अनुसार लें। 

पेस्ट बनाने की विधि 
  • एक कटोरी में इन सभी सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। 
  • अब इस मिश्रण से अपने बालों में हल्की-हल्की मालिश करें और पंद्रह से बीस मिनट तक लगा रहने दें। 
  • फिर अपने बाल को धो लें। 
  • दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण आपके बालों से गंदगी को निकालकर बालों को साफ कर देंगे। बेहतर परिणाम के लिए आप इसे हफ्ते में एक बार लगा सकते हैं। 

नोट: अगर आपको यह पेस्ट लगाने पर जलन या खुजली महसूस हो, तो आप इस पेस्ट को तुरंत धो लें। 

हर चीज के फायदे होते हैं, ताे कुछ नुकसान भी होते हैं। यहां हम आपको दालचीनी के कुछ ऐसे ही नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

अन्य उपयोग

  •  इसकी छाल से मसाला बनाया जाता है।
  •  पत्तियों के तेल से मच्छर भगाया जाता है।
  •  रसोई घर मे सब्जी को स्वादिष्ट बनाने में उपयोग किया जाता है।
दालचीनी के नुकसान –

दालचीनी के कुछ नुकसान भी हैं, जिसके बारे में जानना जरूरी है, ताकि इसका सेवन करते समय थोड़ा ध्यान रखें। 

1. लिवर की समस्या हो सकती है। 

2. खून पतला हो सकता है। 

3. त्वचा की समस्या। 

4. गर्भवती महिला को समय से पहले प्रसव हो सकता है। 

5. निम्न ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर