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Aug 11, 2024

करेला - उपयोग, फायदे और नुकसान (Bitter Gourd - Uses, Advantages and Disadvantages)


करेले का कड़वा स्वाद भले ही कड़वा है, लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्व आपको कई हेल्थ व ब्यूटी प्रॉब्लम्स से बचा सकते हैं. करेले में विटामिन A, B और C के अलावा कैरोटीन, बीटाकैरोटीन, लूटीन, आयरन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैगनीज़ आदि होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.

मधुमेह के रोगी विशेषतः इसके रस और सब्जी का सेवन करते हैं | समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है | इसके पुष्प चमकीले पीले रंग के होते हैं | इसके फल ५-२५ सेमी लम्बे,५ सेमी व्यास के,हरे रंग के,बीच में मोटे,सिरों पर नुकीले,कच्ची अवस्था में हरे तथा पक्वावस्था में पीले वर्ण के होते हैं | इसके बीज ८-१३ मिमी लम्बे,चपटे तथा दोनों पृष्ठों पर खुरदुरे होते हैं जो पकने पर लाल हो जाते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जून से अक्टूबर तक होता है |

करेला (Bitter Gourd) - लता जाति की स्वयंजात और कषिजन्य वनस्पति है, जिसे कुकरबिटेसी (Cucurbitaceae) कुल के मोमोर्डिका चरंशिया (Momordica charantia) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। इसे कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली तथा काँरले आदि नामों से भी जाना जाता है।

करेले की आरोही अथवा विसर्पी कोमल लताएँ, झाड़ियों और बाड़ों पर स्वयंजात अथवा खेतों में बोई हुई पाई जाती है। इनकी पत्तियाँ ५-७ खंडों में विभक्त, तंतु (ट्रेंड्रिल, tendril) अविभक्त, पुष्प पीले और फल उन्नत मुलिकावाले (ट्यूबर्किल्ड, tubercled) होते हैं।

कटु तिक्त होने पर भी रुचिकर और पथ्य शाक के रूप में इसका बहुत व्यवहार होता है। चिकित्सा में लता या पत्र स्वरस का उपयोग दीपन, भेदन, कफ-पित्त-नाश तथा ज्वर, कृमि, वातरक्त और आमवातादि में हितकर माना जाता है।

करेले के कुछ औषधीय गुण

1. यह मधुमेह में फायदेमंद है। करेला के फलों को छाया सुखा कर महीन चूर्ण बनाकर रखें । ३-६ ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करने से यह मधुमेह में उत्तम कार्य करता है। यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाता है।

2. यह घुटने के दर्द में फायदेमंद है। कच्चे करेले को आग में भूनकर, फिर मसल कर रुई में लपेट कर घुटने में बांधने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है.

3. कच्चे करेले के रस को गरम करके गांठ व जोड़ों के दर्द पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है. इसके अलावा १०-१५ मिली करेला के स्वरस में राई और नमक बुरक कर पिलाने से गठिया में लाभ होता है।

4. पथरी में भी लाभदायक: करेले के रस को पीने से पथरी में आराम मिलता है. इसके अलावा करेले के हरे पत्तों के रस को दही में मिला कर सुबह-शाम पीने से पथरी गलकर निकल जाती है.

5. यह मुंह के छालों से निजात दिलाता है। करेला मुंह के छालों के लिए अचूक दवा है. करेले की पत्तियों का रस निकालकर उसमें थोड़ मुलतानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बना लें और मुंह के छालों पर लगाएं. मुलतानी मिट्टी ना मिले तो करेले के रस में रूई को डुबोकर छाले वाली जगह पर लगाएं और लार को बाहर आने दें. इससे मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे. इसके अलावा करेले के रस में सुहागा की खील मिलाकर लगाने से मुँह के छाले मिटते हैं |

6. सिरदर्द दूर करता है: करेले की ताजी पत्तियों को पीस कर माथे पर लगाने से सिरदर्द से आराम मिलता है.

7. पेट में कीड़े की वजह से यदि पेट दर्द की शिकायत हो, तो रोज़ाना सुबह-शाम तीन दिन तक करेले का १०-१२ मिली रस पीएं, पेट के कीड़े नष्ट हो जाएंगे. करेला स्वरस से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

8. गले में सूजन हो तो सूखे करेले को पीसकर लेप बनाकर गले पर लगाएं. गले की सूजन कम हो जाएगी. इसके अलावा सूखे करेले को सिरके में पीसकर गर्म करके लेप करने से कंठ की सूजन मिटती है ।

9. यूरीन पास करते समय यदि जलन होती हो, तो करेले का रस पीएं. जलन से राहत मिलेगी.

10. ताजा करेला खाने से अस्थमा, सर्दी, खांसी जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

11. इंफेक्शन से बचाने के लिए करेला या करेले के पत्तों को पानी में उबालकर इसका सेवन करें. इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है.

12. करेला खाने से ब्लड प्यूरीफाई होता है, जिससे चेहरे के दाग-धब्बे, मुहांसे और स्किन इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है. रोज़ाना खाली पेट करेले के जूस में नींबू का रस मिलाकर पीएं.

13. करेले के ताजे फलों अथवा पत्तों को कूटकर रस निकालकर गुनगुना करके १-२ बूँद कान में डालने से कान-दर्द लाभ होता है।

14. करेला पत्र स्वरस को दाद पर लगाने से लाभ होता है | इसे पैरों के तलवों पर लेप करने से दाह का शमन होता है|

15. करेले के १०-१५ मिली रस में जीरे का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन बार पिलाने से शीत-ज्वर में लाभ होता है |

16. करेला खाने से हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है, यदि आपका हीमोग्लोबिन कम है, तो रोज़ करेला खाना आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा.

17. करेले में फाइबर की अधिक मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मज़बूत बनाता है और अपच व कब्ज़ की शिकायत को दूर करता है.

18. करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर के मेटाबॉलिज़्म और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है.

करेला खाने के नुकसान

* लो शुगर लेवल में नुकसानदायक

डायबिटीज रोगियों के लिए करेले का सेवन फायदेमंद है। करेला खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। लेकिन लोगों का शुगर लेवल लो होता है, उन्हें करेले का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर लेवल और कम हो सकता है। साथ ही हीमोलिटिक एनीमिया होने का खतरा बढ़ सकता है।

गर्भस्थ शिशु के लिए करेले का असर

गर्भावस्था के दौरान करेले का सेवन नहीं करना चाहिए। ज्यादा करेला खाने से गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है। अगर गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन करेले का जूस पीती हैं तो इसे कम कर दें।

लिवर के लिए नुकसानदायक

करेला में लैक्टिन पाया जाता है। करेले के सेवन से लिवर में प्रोटीन का संचार रूक सकता है। इसलिए नियमित तौर पर करेले का सेवन न करें।

डायरिया हो सकता है

करेला ज्यादा खाने से डायरिया या उल्टी की समस्या बढ़ सकती है। बच्चों को रोजाना करेला के सेवन से बचना चाहिए।