किडनी यानि गुर्दे का स्टोन (Kidney Stones) - ये किडनी में बनने वाले छोटे पथरी (क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ) होते हैं जो किडनी के अंदर या मूत्रनाली में कही भी बन सकते हैं। ये पथरियाँ मूत्र मार्ग में जम जाने के कारण या मूत्रमार्ग में फंस जाने के कारण मूत्र स्राव को अवरोधित कर सकता हैं या मूत्र रोक सकता हैं या फिर मूत्र मार्ग में अच्छे से नहीं बह सकते हैं. किडनी स्टोन आमतौर पर कैल्शियम, यूरिक एसिड, सिस्टीन, या ओक्सलेट्स जैसे खनिजों की अधिकता के कारण बन सकते हैं। यूरीन में मौजूद यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम, ऑक्जालिक एसिड मिलकर पथरी बना देते है। इससे दर्द, सूजन, मूत्र मार्ग के इन्फेक्शन, ब्लडी मूत्र, या दूसरी समस्याएँ हो सकती हैं। अगर पथरी 5 एमएम से ज्यादा का हो तो यह मूत्र मार्ग में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे परिणामस्वरूप दर्द और उल्टी जैसे लक्षण उत्पन्न होते है।
किडनी स्टोन के चार प्रकार पाये जाते हैं-
1. कैल्शियम स्टोन
2. यूरिक एसिड स्टोन
3. स्ट्रूविटा स्टोन
4. सिस्टिन स्टोन
2. यूरिक एसिड स्टोन
3. स्ट्रूविटा स्टोन
4. सिस्टिन स्टोन
आम तौर पर इनमें से कैल्शियम स्टोन और यूरिक एसिड स्टोन सबसे ज्यादा पाये जाते हैं।
किडनी स्टोन होने के कारण
1. पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में मूत्र का पर्याप्त विसर्जन नहीं होता है, जिससे किडनी स्टोन हो सकता है।
2. अधिक नमक का सेवन किडनी स्टोन के बढ़ने का कारण बन सकता है।
3. अधिक ओक्सलेट, कैल्शियम, पुरीन, और नैट्रिट युक्त पदार्थ खाने के कारण यूरिक एसिड की अधिकता हो सकती है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ सकती है।
4. हाइपरकैल्सीयमिया (अधिक कैल्शियम) और हाइपरुरीकेमिया (अधिक यूरिक एसिड) के कारण किडनी स्टोन के संभावना बढ़ सकती है।
5. किडनी स्टोन के होने की संभावना उन लोगों में अधिक होती है जिनके परिवार में भी किडनी स्टोन की समस्या का हिस्ट्री रहा है।
6. डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे रोग स्टोन के बढ़ने के कारण बन सकते हैं।
7. कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के बाद अच्छी पाचन क्षमता कम हो सकती है और किडनी स्टोन के बढ़ने के खतरे को बढ़ा सकती है।
8. बढ़ती उम्र में किडनी स्टोन की संभावना बढ़ जाती है।
9. शरीर में मिनरल्स की कमी, डिहाइड्रेशन, विटामिन डी की अधिकता और जंक फूड का अति सेवन किडनी स्टोन के कारण हो सकते हैं।
गुर्दे की पथरी के लक्षण (Symptoms of Kidney Stone)
1. गुर्दे में दर्द होता है
2. मूत्र त्याग करते समय दर्द होता है
3. बार-बार पेशाब आना परंतु खुलकर पेशाब न आना या मूत्र में रक्त आना है।
4. पीठ के निचले हिस्से, पेट में दर्द और ऐंठन होता है
5. जी मिचलाना और उल्टी आना
6. दुर्गन्धयुक्त पेशाब होता है
7. बुखार और पसीना आना आदि
किडनी स्टोन से बचने के लिए सावधानियां
गुर्दे में पथरी न हो इसके लिए आहार और जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने चाहिए। जैसे-
1. शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ने न दें।
2. मांसाहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।
3. ऐसे व्यक्ति जिसे कैल्शियम ऑक्जालेट टाइप गुर्दे की पथरी से पीड़ित है उन्हें ऑक्जालेट से भरपूर आहार नहीं लेने चाहिये। जैसे - मूंगफली, पालक, चुकन्दर, शीशम के बीज, चॉकलेट, जिमीकंद, साबुत अनाज।
4. अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।
5. नमक, जंक फूड, डिब्बा बंद खाना का बहुत अधिक सेवन न करे
6. टमाटर, बैंगन, कच्चा चावल, उड़द और चने का अधिक सेवन करने से बचे।
7. अधिक से अधिक पानी पीएँ और कोल्ड ड्रिंक का सेवन न करें, ।
किडनी स्टोन के घरेलू इलाज
2. सौंफ मिश्री, सूखा धनिया का मिश्रण को रात को दो कप ठंडा पानी में मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्ते धीरे धीरे बाहर निकल जाती है।
3. प्रतिदिन 5-7 तुलसी के पत्तों को चबाकर खाएँ। इसमें एसिटिक एसिड एवं अन्य जरूरी तेल होते है जो पथरी को तोड़कर धीरे धीरे पेशाब के रास्ते बाहर निकालते है। यह दर्द निवारक की तरह भी काम करती है।
4. चौलाई की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है। यह पथरी को गलाने का काम करती है।
5. 2-3 बेलपत्र को पानी के साथ पीस लें और इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर खाएँ। इसका सेवन करने से गुर्दे की पथरी धीरे धीरे बाहर निकल जाती है।
6. व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।
7. एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबालें ठंडा होने के बाद सुबह-शाम पीएँ। यह पथरी को गलाने का काम करती है
6. व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठण्डा कर लें इसके नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी और गुर्दे से जुड़ी दूसरी बिमारियों में काफी आराम मिलता है।
7. एक चम्मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबालें ठंडा होने के बाद सुबह-शाम पीएँ। यह पथरी को गलाने का काम करती है
8. 1 कप गुनगुने पानी, 2 चम्मच एप्पल विनेगर एवं 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में बार-बार पिएँ। सेब के सिरके में क्षार के गुण होते है यह किडनी स्टोन को घुलने में मदद करता है।
9. प्रतिदिन अनार का जूस पिएँ। अनार में मौजूद पोटाशियम उन मिनरल क्रिसटल्सको बनने से रोकता है जिनके कारण पथरी बनती है। यह अपने क्षारीय गुण के कारण पथरी को बनने से रोकता है और यह मूत्र में एसिड के स्तर को ठीक रखता है। यह पथरी की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है.
10. तरबूज खाने से शरीर में पानी बढ़ता है व पथरी यूरीन के द्वारा निकल जाती है। इसके अलावा तरबूज के रस में एक चौथाई चम्मच धनिया पाउडर डालकर दिन में दो-तीन बार सेवन करें।तरबूज में पोटाशियम के साथ पानी की मात्रा भी अधिक होती है। पोटैशियम किडनी को मजबूत बनाने में
सहायक होते है और यूरीन में एसिड लेवल को समान रखता है।
11. खजूर को रात भर पानी में भिगाकर सुबह खाए इसमें फाइबर की
अच्छी मात्रा होती है। गुर्दे की पथरी होने के खतरे को कम करता है।
12. कॉर्न हेयर या कॉर्न सिल्क (मकई) के सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।
13. प्याज को एक गिलास पानी में डालकर धीमी आँच में उबालें पकने पर उसे ठण्डा कर लें अब प्याज को पीस लें और छानकर रस निकालकर 1-2 दिन तक पीएँ।
12. कॉर्न हेयर या कॉर्न सिल्क (मकई) के सेवन से किडनी स्टोन ठीक होता है। इसके सेवन से यूरिन ज्यादा आता है और पथरी छोटे-छोटे कणों के द्वारा बाहर निकल जाती है।
13. प्याज को एक गिलास पानी में डालकर धीमी आँच में उबालें पकने पर उसे ठण्डा कर लें अब प्याज को पीस लें और छानकर रस निकालकर 1-2 दिन तक पीएँ।
14. राजमा को भिगोकर उसे उबाल लें। इस पानी को ठंडा कर के इसे दिन में कई बार पिएँ।
15. अगर गुर्दे की पथरी के शुरुवाती लक्षण नजर आएं तो छोटे पथरी को अधिकांशतः एक दिन में 7-8 गिलास पानी पीकर पथरी निकल जाता है।
नोट - गुर्दे की पथरी का दर्द बहुत ही असहनीय और देर तक बना रहता है। दर्द के साथ जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते है। गुर्दे की पथरी के कारण गुर्दे या मूत्रपथ में संक्रमण भी हो सकता है अतः दर्द उठने पर ही तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क कर जाँच कराएं एवं पथरी होने पर तुरंत इलाज करवाएं।
No comments:
Post a Comment