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Jan 9, 2020

लहसुन के फायदे और नुकसान



लहसुन के औषधीय गुण 

एक समय था जब आज की तरह जगह-जगह दवा की दुकानें नहीं होती थीं। उस समय लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार के लिए भी होता था। लहसुन एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलीसीन (Allicin) और दूसरे सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन (ajoene) जैसा तत्व और एलीन (allein) जैसा यौगिक भी मौजूद होता है, जो लहसुन को और ज्यादा असरदार औषधि बना देता हैं। हालांकि, इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता भी देते हैं । 

लहसुन के फायदे 

1. वजन घटाने में मदद करता है लहसुन 

आजकल हर किसी की व्यस्त दिनचर्या होती है। घर और काम के बीच तालमेल बनाने के चक्कर में लोग अपनी सेहत पर ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं। खान-पान ठीक नहीं होने और नियमित रूप से व्यायाम न कर पाने की वजह से लोग मोटापे की बीमारी का शिकार भी होने लगे हैं। 

हालांकि, कई बार लोग नियमित रूप से व्यायाम करने की और खान-पान में परहेज़ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे ज़्यादा दिनों तक ऐसा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लहसुन बढ़ते वज़न को रोकने में काफ़ी हद तक मददगार साबित हो सकता है। यह एडीपोजेनिक ऊत्तकों की अभिव्यक्ति को रोकने में मदद करता है, थर्मोजेनेसिस को बढ़ाता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। अपने इन अनोखे गुणों की वजह से लहसुन आपको मोटापे से राहत दिला सकता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है लहसुन – 

इन दिनों लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। हाई ब्लड प्रेशर में घरेलू उपाय के तौर पर लहसुन का सेवन काफी उपयोगी साबित हुआ है। दरअसल, लहसुन में बायोएक्टिव सल्फर यौगिक, एस-एललिस्सीस्टीन मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर को 10 mmhg (सिस्टोलिक प्रेशर) और 8 mmhg (डायलोस्टिक प्रेशर) तक कम करता है। चूंकि, सल्फर की कमी से भी हाई ब्ल्ड प्रेशर की समस्या होती है, इसलिए शरीर को ऑर्गनोसल्फर यौगिकों वाला पूरक आहार देने से ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है । 

3. डायबिटीज से लड़ने में मदद करता है लहसुन- 

हर रोज बदलती और असंतुलित जीवनशैली की वजह से कई लोग डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी का शिकार हो रहे हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि लहसुन का सेवन करने से डायबिटीज पर लगाम लगाई जा सकती है। आईआईसीटी (भारत) के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में चूहों को लहसुन खिलाया। इसके बाद चूहों के खून में ग्लूकोज और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी पाई गई। इसके अलावा, चूहों के शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता में भी वृद्धि देखने को मिली । इसलिए, अगर आपको डायबिटी का संदेह है या डायबिटी है, तो आप लहसुन का सेवन करें। यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित कर इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है। 

4. सर्दी-ज़ुकाम से बचाता है लहसुन 

मौसम में बदलाव की वजह से सर्दी-ज़ुकाम होना बहुत ही आम बात है, लेकिन जरूरी नहीं कि इन बीमारियों के उपचार के लिए हर बार अंग्रेजी दवाओं का ही सेवन किया जाए। दरअसल, लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की भरमार होती है। इसमें एलियानेस (या एलियान) नामक एंजाइम मौजूद होता है, जो एलिसिन नामक सल्फर युक्त यौगिक में परिवर्तित होता है। यह यौगिक सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है, जो सर्दी-जुकाम के वायरस से लड़ने में मदद करता है । 

5. कोलेस्ट्रॉल की रोकथाम में मददगार है लहसुन –

ज्यादा तेल-घी वाले खान-पान की वजह से लोगों को कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या भी हो रही है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अपनी एक जांच में पाया है कि पुराने लहसुन के सेवन से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (जो कि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल होता है) के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।   हालांकि, अभी तक लहसुन के इस गुण को लेकर वैज्ञानिकों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। 

6. दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में मददगार है लहसुन – 

जैसा कि हम जानते हैं, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का ह्रदय संबंधी रोगों से सीधा रिश्ता होता है। ऐसे में लहसुन का सेवन ह्रदय संबंधी रोगों की रोकथाम में असरदार साबित हो सकता है। 

7. गठिया में लहसुन खाने से मिलती है राहत 

लहसुन हड्डियों के लिए भी काफी लाभदायक है। ऐसा पाया गया है कि लहसुन के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी हड्डियों की बीमारी से जूझ रहे रोगियों को काफ़ी राहत मिलती है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगों के जरिए साबित किया है कि लहसुन अंडाइक्टोमी-प्रेरित हड्डी सोखन को दबाने में सक्षम है।  इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया है कि लहसुन डायलिल डाइसल्फाइड मैट्रिक्स को कम करने वाले एंज़ाइमों को दबाने में मदद करता है। इस तरह लहसुन हड्डियों को होने वाले नुकसान को भी रोकता है। 

8. गर्भावस्था में लहसुन के सेवन से होने वाले लाभ- 

गर्भावस्था के शुरुआती दौर में लहसुन को सीमित मात्रा में खाने में शामिल कर किया जा सकता है। इस समय लहसुन का प्रभाव भ्रूण पर कम पड़ता है । हालांकि, गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में लहसुन का प्रयोग थोड़ा सोच समझकर करना चाहिए। इस दौरान लहसुन का गलत प्रभाव पड़ने से खून का पतला होना, पेट खराब होना या लो ब्लड प्रेशर होने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए, गर्भावस्था में लहसुन खाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें 
। 
9. रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है लहसुन – 

लहसुन में फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं। दूसरे शब्दों में, एंटीऑक्सीडेंट आपको बीमार पड़ने से बचाते हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि लहसुन खाने से हमारे शरीर में कई तरह की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। 

10. लीवर को सेहतमंद रखता है लहसुन –

जिन लोगों को लीवर में सूजन की शिकायत होती है, उनके लिए एक सीमित मात्रा में लहसुन का सेवन करना उपयोगी साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि लहसुन में पाए जाने वाले एस-एलील्मर कैप्टोसाइटिस्टीन (एसएएमसी) हेपेटिक चोटों के उपचार में मददगार होते हैं। वहीं, लहसुन का तेल एंटीऑक्सीडेटिव गुणों से भरपूर होता है, जो लीवर की सूजन से बचाव करता है। हालांकि, अगर आपको पेट से जुड़ी समस्या ज्यादा है या आपको लहसुन खाने के बाद कुछ परेशानी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
11. कैंसर से बचाता है लहसुन – 

लहसुन में डायलिसिल्फाइड मौजूद होता है, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को रोकने में मदद करता है। लहसुन में मौजूद सेलेनियम कैंसर से लड़ने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। साथ ही सेलेनियम डीएनए उत्परिवर्तन और अनियंत्रित सेल प्रसार और मेटास्टेसिस को भी रोकता है।  लहसुन ट्यूमर और पेट के कैंसर की आशंका को कुछ हद तक कम करता है। इसलिए, अगर आप कैंसर के खतरे को कम करना चाहते हैं, तो स्वस्थ जीवन शैली के साथ लहसुन का नियमित सेवन करें। 

12. फंगल संक्रमण से बचाता है लहसुन 

लहसुन में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो फंगल संक्रमण, जैसे – दाद और कैंडिडा से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। 

13. किडनी संक्रमण को रोकता है लहसुन – 

लहसुन किडनी संक्रमण की रोकथाम में भी मदद करता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन उस पी. एरुजिनोसा के विकास को रोकने में मदद कर सकता है, जो यूटीआई और गुर्दे के संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार होता है । 

14. लहसुन दिलाता है गैस और एसिडिटी से राहत –

आजकल लोग गलत खान-पान के कारण एसिडिटी या गैस की समस्या के शिकार हो जाते हैं। ऐसे में सब्जी पकाते समय उसमें हल्का लहसुन डालें। इस तरह से पकाई गई सब्जी खाने से आपको गैस ओर एसिडिटी से राहत मिल सकती है। हालांकि, अगर आपको ज्यादा परेशानी है, तो लहसुन से परहेज करें। 

15. हाई ब्लड शुगर के स्तर को घटाता है लहसुन –

अगर आप हाई ब्लड शुगर की समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में लहसुन को शामिल करना चाहिए। कुवैत के वैज्ञानिकों ने लैब में पशुओं पर कच्चे और उबले हुए लहसुन का प्रयोग करके पता लगाया है, कि कच्चे लहसुन में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की क्षमता होती है ।
16. बुखार या ठंड लगने पर राहत देता है लहसुन 

ठंड लगने पर या बुख़ार होने पर अगर लहसुन का उपयोग किया जाए,ये तो रोगी को बहुत हद तक राहत मिल सकती है। 

इस्तेमाल का तरीका 

– आप लहसुन को कच्चा खाने के साथ-साथ गर्म सरसों के तेल में एक-दो लहसुन की कलियां डालकर उससे शरीर की मालिश भी कर सकते हैं। 

17. गले की खराश से राहत देता है लहसुन –  

लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले में खराश जैसी परेशानी से हमारा बचाव करते हैं। लहसुन में एलीसिन नाम का ऑर्गनॉसुल्फर यौगिक भी होता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। हालांकि, यह साबित करना मुश्किल है कि लहसुन गले में खराश की परेशानी को पूरी तरह से ठीक कर सकता है या नहीं। जब भी गले में खराश जैसा महसूस हो, तो सरसों तेल में एक या दो लहसुन की कलियां डालकर उसे गुनगुना होने तक गर्म करें। इसके बाद गुनगुने तेल को हल्का-हल्का गले के आस-पास लगाएं। अगर तकलीफ ज्यादा बढ़ जाए, तो डॉक्टर से संपर्क करें। 

18. दमा में राहत देता है लहसुन – 

अस्थमा यानी दमा के मरीजों के लिए भी लहसुन काफी लाभकारी है। सरसों के तेल में लहसुन पकाकर उस तेल से अगर नाक, गले और फेफड़ों के पास मालिश की जाए, तो यह छाती में जमे कफ से निजात दिला सकता है। वैज्ञानिकों को इस बात के सबूत भी मिले हैं कि लहसुन अस्थमा से होने वाले दुष्प्रभावों को कम कर सकता है । 

19. कान दर्द होने पर राहत देता है लहसुन – 

कान में होने वाले हल्के संक्रमण या दर्द में भी लहसुन फायदेमंद होता है। लहसुन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण कान के दर्द या संक्रमण से राहत दिलाते हैं। आप चाहें तो लहसुन का तेल कान में लगा सकते हैं। ये तेल बाजार में उपलब्ध होता है। इसके अलावा, आप घर में भी लहसुन का तेल बना सकते हैं। 

20. योनि संक्रमण से छुटकारा दिलाता है लहसुन –

अक्सर महिलाएं योनि संक्रमण जैसी समस्या के बारे में सबके साथ चर्चा नहीं कर पाती हैं। इस वजह से कई बार यह समस्या गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। जबकि, घर में मौजूद रहने वाले लहसुन के जरिए इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। जी हां, वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन कैंडिडा नामक संक्रमण की रोकथाम करने में काफी असरदार होता है । सीमित मात्रा में लहसुन का सेवन करके योनि के संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि, एक बार डॉक्टर से भी इस बारे में बात ज़रूर करें क्योंकि हर किसी की शारीरिक क्रिया थोड़ी अलग होती है। इसके अलावा, लहसुन को सीधे प्रभावित जगह पर न लगाएं। 

21. दांत दर्द से निजात दिलाता है लहसुन – 

वैज्ञानिकों का मानना है कि लहसुन को माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल करना काफी लाभदायक हो सकता है।  इसके अलावा, ऐसे टूथपेस्ट या माउथवॉश का इस्तेमाल करना भी अच्छा होता है, जिसमें लहसुन के गुण मौजूद हो । अगर आपको दांत दर्द की शिकायत है, तो हर रोज एक कच्चे लहसुन की कली चबाएं। इसके अलावा, आप एक लहसुन की कली में सेंधा नमक लगाकर दर्द वाले दांत पर लगाएं। इससे आपको दांत के दर्द से आराम मिलेगा। 

त्वचा की खूबसूरती बढ़ाता है लहसुन –

सिर्फ सेहत ही नहीं, बल्कि आजकल अच्छा दिखना और त्वचा का सही तरीक़े से ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। इस काम में भी लहसुन आपकी मदद कर सकता है। 

22. मुंहासे और पिंपल से छुटकारा दिलाता है लहसुन 

शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमा होने से या फिर किसी संक्रमण की वजह से कील-मुंहासे हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का नियमित सेवन कील-मुंहासों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। 

23. सोरायसिस की रोकथाम में कारगर है लहसुन – 

सोरायसिस एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसमें खुजली होने लगती है और त्वचा लाल हो जाती है। यह बीमारी ज्यादातर सिर की त्वचा, कोहनी और घुटनों को प्रभावित करती है। इस बीमारी का कोई इलाज तो नहीं है, लेकिन लहसुन खाने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। लहसुन में डायलिल सल्फाइड और एजेन जैसे यौगिक होते हैं। ये यौगिक न्यूक्लिअर ट्रांसमिशन कारक कप्पा बी (जिसकी वजह से सोरायसिस होता है) को निष्क्रिय कर देते हैं । 

24. खुजली से राहत देता है लहसुन –

खुजली जैसी त्वचा संबंधी परेशानी किसी चीज से एलर्जी के कारण होती है। ऐसे में खुजली से राहत पाने के लिए लहसुन खाना उपयोगी हो सकता है। हालांकि, इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। दरअसल, खुजली से राहत दिलाने के मामले में लहसुन की सफलता या असफलता रोगी के शरीर पर निर्भर करती है। किसी व्यक्ति को अगर लहसुन से एलर्जी है, तो यह एक्जिमा को बढ़ा सकता है, लेकिन जिन्हें लहसुन से कोई एलर्जी नहीं है, उनके लिए लहसुन का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। 

25. दाद में राहत देता है लहसुन 

लहसुन में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ये गुण किसी भी तरह के संक्रमण से शरीर को बचा सकते हैं। इसलिए, जिस व्यक्ति को दाद की बीमारी होती है, उसे अपने भोजन में हल्की मात्रा में लहसुन को शामिल करने की राय दी जाती है। हालांकि, लहसुन दाद की बीमारी से पूरी तरह छुटकारा नहीं दिला सकता, लेकिन यह दाद की वजह से होने वाली खुजली से राहत दिला सकता है। 

26. छाले या फोड़े को ठीक करने में मदद करता है लहसुन –

लहसुन में एलिन, एलिसिन और एजोइन जैसे सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं, जो छाले या फोड़े को ठीक होने में मदद करते हैं। साथ ही लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं, जो बैक्टीरिया को मारते हैं और छाले या फोड़े को बढ़ने से रोकते हैं। 

27. झुर्रियों को कम करता है लहसुन – 

कई बार लोगों की त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां नजर आने लगती हैं। दरअसल, ऐसा गलत खान-पान, तनाव, सूर्य की हानिकारक किरणों और बदलती जीवनशैली की वजह से होता है। ऐसे में अगर लहसुन का सेवन किया जाए, तो समय से पहले चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों से बचा जा सकता है। लहसुन में एस-एलिल सिस्टीन पाया जाता है, जो त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों और झुर्रियों से बचाने में मदद करता है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो झुर्रियां कम करने में मदद करते हैं । 

28. स्ट्रेच मार्क को मिटाने में मदद करता है लहसुन 

एक उम्र के बाद महिलाओं के शरीर पर स्ट्रेच मार्क का दिखना आम बात है। आए दिन महिलाएं स्ट्रेच मार्क से निजात पाने के लिए कुछ न कुछ नुस्खें आजमाती रहती हैं। वैसे तो स्ट्रेच मार्क्स के निशान को पूरी तरह मिटाना मुश्किल है, लेकिन इसे लहसुन की मदद से कम किया जा सकता है। दो से तीन लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें और फिर गुनगुना होने के बाद तेल को स्ट्रेच मार्क के निशान पर लगाएं। आप चाहें तो सरसों तेल की जगह जैतून का तेल भी इस्तेमाल कर सकती हैं। 

बालों को झड़ने से रोकता है लहसुन – 

29. लहसुन बालों को झड़ने से रोके –

आज के समय में बालों का झड़ना एक आम समस्या है। आमतौर पर धूल, प्रदूषण, अशुद्ध पानी और खराब खान-पान की वजह से बाल झड़ने की समस्या होती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि लहसुन का जेल और बीटामेथेसोन वालरेट बाल झड़ने की समस्या पर रोक लगा सकते हैं । 

30. रूसी यानी डैंड्रफ को कम करता है लहसुन 

बालों में डैंड्रफ की समस्या आजकल बहुत आम हो चली है। डैंड्रफ के कारण बाल खराब होने लगते हैं और झड़ने लगते हैं। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि लहसुन के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है। दरअसल, लहसुन में मौजूद एंटी बायोटीक, एलिसिन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इन गुणों की वजह से लहसुन कुछ हद तक डैंड्रफ से निजात दिला सकता है। 

लहसुन का कैसे करें सेवन 

  • आप अपने भोजन में सीमित मात्रा में लहसुन को शामिल कर सकते हैं, लेकिन एक बार इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। 
  • आप हर रोज खाली पेट कच्चे या सूखे लहसुन की कुछ कलियों का सेवन कर सकते हैं। उसके कुछ देर बाद आप गुनगुने पानी में नींबू का शरबत बनाकर भी पी सकते हैं। 
  • आप चाहें तो एक या दो लहसुन की कलियों को बारीक काटकर पालक की स्मूदी में मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं। 
  • अगर आपको साबूत लहसुन खाना पसंद नहीं, तो आधा चम्मच से भी कम लहसुन का पेस्ट या एक लहसुन की कली को बारीक काटकर खाने में उपयोग करें। 
  • आप लहसुन को रोज सब्जी या सूप में डालकर भी खा सकते हैं। 
  • आप लहसुन की चाय भी पी सकते हैं। 
  • लहसुन की कुछ कलियों को आप घी में भूनकर भी खा सकते हैं। 
  • दो से तीन लहसुन की कलियों को हरे प्याज, ब्रोकली और चुकंदर के रस के साथ मिलाकर उसका सेवन करें। अगर आपको इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी है, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 
ध्यान दें कि अगर आपको कोई एलर्जी है, तो अपने आहार में लहसुन को शामिल करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें। 

अगर आप कच्चे लहसुन को नहीं खा सकते और उसकी गंध आपको पसंद नहीं आती है, तो बाजार में लहसुन के कैप्सूल मिलते हैं। आप लहसुन के अर्क से बने इस कैप्सूल का सेवन रोज कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आप इसका सेवन विशेषज्ञ की सलाह पर तय सीमा तक ही करें।